नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास पीवीपी स्टार होटल्स का निर्माण करने वाली कंपनी को राहत नहीं

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट से नवी मुंबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास पीवीपी स्टार होटल्स का निर्माण करने वाली कंपनी को नहीं राहत मिली। अदालत ने मेसर्स पीवीपी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को लीज प्रीमियम के रूप में 16 करोड़ 91 करोड़ 56 हजार 705 रुपए नगर एवं औद्योगिक विकास निगम (सिडको) को चुकाने का निर्देश दिया है। हलांकि अदालत ने कंपनी को होटल के निर्माण को पूरा करने के लिए तीन साल की अवधि बढ़ा दी है।

न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के 16 करोड़ 91 करोड़ 56 हजार 705 रुपए का भुगतान करने और चार महीने की अवधि के भीतर 5 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी प्रस्तुत करने पर लीज समझौते पूरा होगा। यदि याचिकाकर्ता उस निर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो यह आदेश निरस्त माना जाएगा और सिडको के 2 अप्रैल 2018 का लीज समाप्ति का नोटिस स्वतः बहाल माना जाएगा। इस तरह याचिकाकर्ता को शर्तों के तहत अनुमति दी जाती है।

सिडको ने अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा के पास कई भावी परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए नवी मुंबई के बेलापुर में अपनी भूमि पर स्टार होटल बनाने के लिए निविदा जारी किया। मेसर्स पीवीपी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने सिडको के आवेदन को स्वीकार किया। कंपनी को 82 करोड़ 70 लाख 46 हजार 900 रुपए के लीज प्रीमियम और 5 हजार 25 हजार 350 रुपए के विविध शुल्क के भुगतान पर भूमि का 27 जुलाई 2007 को आबंटन पत्र जारी किया गया।

समझौते के अनुसार कंपनी को भूमि पर होटल के निर्माण का कार्य को 12 महीने के भीतर शुरू किया जाना था और समझौते की तारीख से 5 साल के भीतर पूरा किया जाना था। यदि समय पर होटल के निर्माण कार्य पूरा नहीं करने पर अतिरिक्त लीज प्रीमियम के भुगतान के साथ समय का विस्तार दिया जाएगा। याचिकाकर्ता ने निर्धारित 5 साल की अवधि के भीतर पूरा नहीं कर सके।

सिडको ने याचिकाकर्ता को 30 सितंबर 2016 को कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा कि क्यों न लीज समझौते को समाप्त कर दिया जाए और लीज पर दी गई भूमि पर कब्जा वापस न लिया जाए। कंपनी ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए दलील दी कि वह अतिरिक्त लीज प्रीमियम लगाए बिना समय विस्तार का हकदार है। कंपनी ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी।