नवरात्रि के आठवें दिन करें मां महागौरी की पूजा, जीवन में होगा सुख-समृद्धि का आगमन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। चैत्र नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग- अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। लेकिन, इस वर्ष नवरात्रि 8 दिनों की है और आज यानि कि 05 अप्रैल शनिवार को देवी के आठवें स्वरूप मां महागौरी (Maa Mahagauri) की पूजा की जा रही है। इस खास दिन को महाअष्टमी या दुर्गा अष्टमी के नाम जाना जाता है। इस दिन कई लोग घर या मंदिर में कन्या पूजा भी करते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि, जो भी इस दिन व्रत रखकर मां महागौरी की विधि विधान से पूजा करता है उसे माता की की कृपा प्राप्त होती है। इससे साधक के सभी दुख समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आइए जानते हैं माता का स्वरूप, मंत्र, भोग और पूजा विधि…

मां महागौरी का स्वरूप

शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी का स्वरूप अत्यंत कोमल और दिव्य है। महागौरी वर्ण पूर्ण रूप से गौर अर्थात सफेद हैं और इनके वस्त्र व आभूषण भी सफेद रंग के हैं। ये मां दुर्गा की आठवीं शक्ति हैं। मां का वाहन वृषभ अर्थात बैल है। मां के दाहिना हाथ अभयमुद्रा में है और नीचे वाला हाथ में दुर्गा शक्ति का प्रतीक त्रिशुल है। महागौरी के बाएं हाथ के ऊपर वाले हाथ में शिव का प्रतीक डमरू है। मां के नीचे वाला हाथ अपने भक्तों को अभय देता हुआ वरमुद्रा में है।

मां महागौरी पूजा विधि

– घर के मंदिर में सबसे पहले लकड़ी की चौकी पर या मंदिर में महागौरी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

– इसके बाद चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर महागौरी यंत्र रखें और यंत्र की स्थापना करें।

– हाथ में सफेद पुष्प लेकर मां का ध्यान करें।

– अब मां की प्रतिमा के आगे दीपक चलाएं।

– उन्हें फल, फूल, नैवेद्य आदि अर्पित करें।

– इसके बाद देवी मां की आरती उतारें।

इस मंत्र का करें जाप

“सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके.

शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते.

प्रिय भोग-

मां महागौरी को नारियल का भोग लगाना चाहिए। इसी के साथ नारियल दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।