
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में होली बेहद धूमधाम से मनाई जा रही है। होली रंगों का त्योहार है। लोग मतभेद भुला कर एक दूसरे को रंगते हैं। होली का नाम आते ही मन में सबसे पहले मथुरा-वृंदावन की याद आ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां होली का अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। यहां होली 40 दिनों तक मनाई जाती है। जिसमें अगल-अलग महोत्सव का आयोजन किया जाता है। हर साल बड़ी संख्या में लोग मथुरा-वृंदावन होली के रंग में रंगने आते हैं। चलिए जानते हैं यहां कितने अनोखे अंदाज में होली मनाई जाती है?
फूलों वाली होली
वृंदावन में होली की शुरुआत फूलों वाली होली से होती है। बांके बिहारी मंदिर, राधावल्लभ मंदिर, राधारमण मंदिर जैसे वृंदावन के हर मंदिर में फूलों की पंखुड़ियों से होली का आनंद लिया जाता है। पहले दिन होली के रंगों की जगह फूलों की पंखुड़ियों से उत्सव मनाया जाता है।

लट्ठमार होली
बरनाना में लट्ठमार होली सबसे ज्यादा प्रचलित है। लट्ठमार होली का आनंद लेने विदेश से लोग आते हैं। इस परंपरा में महिलाएं, पुरुषों को लाठी से मारती हैं और पुरुष बच कर भागते हैं।

रंगभरी होली
मथुरा में रंगभरी होली धूमधाम से मनाई जाती है। लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं और पानी के गुब्बारे भी मारते हैं।

विधवाओं वाली होली
ब्रज में विधवाओं के लिए यह पर्व बेहद खास है। इस परंपरा में विधाएं रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर तैयार होती हैं और एक दूसरे को रंग लगाती हैं। चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ खुशी और उत्साह की लहर होती है।

नंदगांव होली
मथुरा के पास नंदगांव है जहां लोग परंपरा को निभाते हुए होली के रंग में रंग रहे हैं। लोग बाल कृष्ण की लीलाओं का लुत्फ उठाते हैं। यहां नृत्य और संगीत के साथ त्योहार का मजा लिया जाता है। बरसाना की होली की तुलना में नंदगांव में ज्यादा भीड़ नहीं होती।

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