
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व सिरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद ने अपने परिवार की 50 सालों से ज्यादा से चली आ रही सत्ता को गंवाने के बाद पहला बयान दिया है। बता दें, उनका यह बयान तब आया जब तख्तापलट के बाद वह राजधानी दमिश्क से अचानक चले गए थे। पूर्व राष्ट्रपति ने अपने इस बयान में सीरिया को छोड़ने की वजह के बारे मे भी बताया। उन्होंने अपने इस कदम को आवश्यक रणनीतिक उपाय बताया है। बता दें, बीते 8 दिसंबर को सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हयात तहरीर अल-शाम और उनके सहयोगी गुट ने कब्जा जमा लिया था जिसके बाद बशर अल-असद की सत्ता तो चली ही गई थी, इसके अलावा उन्हें देश भी छोड़ना पड़ा था। उन्होंने अपने जारी किए बयान में सीरिया की मौजूदा हालत के बारे में कहा, “सीरिया अब आतंकवाद के हाथों में है”।
पूर्व सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद ने रूस से टेलीग्राम के जरिए अपना बयान जारी किया। उन्होंने इसमें कहा, “मैंने कभी भी व्यक्तिगत लाभ के लिए पद की लालसा नहीं की, बल्कि हमेशा खुद को एक देश का संरक्षक माना है। मैंने सीरियाई लोगों का विश्वास हासिल किया है। सीरियाई लोग उनके दृष्टिकोण में विश्वास करते हैं। मुझे राज्य की रक्षा करने, इसकी संस्थाओं की रक्षा करने तथा अंतिम क्षण तक उनके निर्णयों को कायम रखने की उनकी इच्छाशक्ति और क्षमता पर अटूट विश्वास है।”
उन्होंने अपने बयान में आगे कहा, “जब देश आतंकवाद के हाथों में पड़ जाता है और सार्थक योगदान देने की क्षमता खो जाती है, तो कोई भी पद उद्देश्यहीन हो जाता है, और उस पर कब्जा निरर्थक हो जाता है। मुझे 8 दिसंबर की शाम को सीरिया में खमीमिम बेस से रूस ले जाया गया था। सीरिया से भागना कभी भी मेरा विकल्प नहीं था, मैं आतंकियों से लड़ना चाहता था। लगातार ड्रोन हमले हो रहे थे, तो रूस ने मुझे निकलवाया।”
बशर ने सीरियाई आवाम के बारे में कहा, “इतना कुछ हो जाने के बाद भी सीरिया और उसके लोगों के प्रति मेरी गहरी भावना कम नहीं होगी। यह एक ऐसा बंधन है जो किसी भी स्थिति या परिस्थिति से अडिग रहेगा। यह एक ऐसा जुड़ाव है जो इस उम्मीद से भरा है कि सीरिया एक बार फिर से आजाद होगा।”