डिजिटल अरेस्ट के नाम पर भंडारा के शिक्षक को 16 लाख से ठगा

Bhandara News किसी अपराध में शामिल हो, ऐसा डर दिखाकर बदमाशों द्वारा डिजिटल अरेस्ट के नाम पर एक शिक्षक से 16 लाख रुपयों की ठगी करने का मामला सामने अाया है। इस घटना को लेकर साकोली तहसील के सेंदुरवाफा परिसर के ग्राम जमनापुर निवासी शिक्षक धनराज दामाजी मसराम (53) द्वारा सोमवार को भंडारा के साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी गई है।

दर्ज शिकायत पर साइबर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू की है। शिकायत के मुताबिक शिक्षक धनराज मसराम को कुछ दिनों पहले साइबर ठग ने अज्ञात क्रमांक से फोन कर अपराधिक घटना में शामिल हो, ऐसी जानकारी दी। धनराज को डिजिटल तरीके से गिरफ्तारी करने का डर दिखाया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए ठगबाजों ने दो चरणों से 16 लाख रुपए मांगे। जिस तरह ठगबाजों ने शिक्षक धनराज को डरा-धमकाया, उससे शिक्षक ने स्वंय को बचाने के लिए ठगबाजों की बात मान ली और उनके बताए गए बैंक खाते में 6 जनवरी, 2025 को 10 लाख रुपए और 9 जनवरी को 6 लाख रुपए ऐसे कुल 16 लाख रुपए आरटीजीएस किए। इस बीच अपने साथ ठगी हुई है, यह बात ध्यान मंे आते ही धनराज मसराम ने सीधे भंडारा के साइबर पुलिस थाने पहुंचकर पुलिस को आपबीती बतायी। इस मामले में भंडारा के साइबर पुलिस थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 318 (4) उपधारा 66 (ड) सूचना तकनीकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। आगे की जांच साइबर पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक उल्हास भुसारी कर रहे हैं।

ठगों के निशाने पर बड़े बैंक बैलेन्स वाले लोग : डिजिटल अरेस्ट और अन्य ठगी के प्रकरण में बड़े बैंक बैलेन्स वाले लोगों को निशाना बनाया जाता है। आसानी से बहकावे में लाकर आम लोगों को ठगा जाता है। लेकिन ठगों के पास आम लोगों के बैंक बैलेन्स की जानकारी कैसे पहुचती है? ऐसा सवाल सामने आ रहा है।