ठंड की दस्तक…सर्दी-खांसी ने जकड़ा, ह्दय रोगियों के लिए भी बढ़ा खतरा

Chhindwara News: हवा में ठंडक घुलने के साथ मौसम में आए बदलाव ने लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर करना शुरू कर दिया है। इन दिनों बच्चों से लेकर बड़े तक सभी सर्दी-खांसी और तेज बुखार से जूझ रहे है। इसी के साथ नवजात बच्चों में निमोनिया की शिकायत सामने आने लगी है। चिकित्सकों के मुताबिक शुरूआती ठंड हार्ट पेशेंट के लिए भी घातक है।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.हर्षवर्धन कुड़ापे ने बताया कि बच्चों पर मौसम का असर दिखने लगा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना औसतन 50 से 60 बच्चे वायरल का इलाज कराने पहुंच रहे है। जिन्हें प्राथमिक इलाज से आराम नहीं लग रहा है उन्हें भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है। वायरल फीवर से पीड़ित 30 बच्चे शिशु वार्ड में भर्ती है और दस बेड वाला पीआईसीयू भी फुल है।

लगातार बुखार रहने पर ब्लड जांच जरुर कराए

पेशेंट को लगातार दो या तीन दिन तेज बुखार रहने पर ब्लड जांच कराने के साथ डॉक्टरी सलाह से ही दवाएं लें। खासकर छोटे बच्चों का ध्यान रखना जरुरी है। मामूली सी लापरवाही घातक साबित हो सकती है।

मेल और फीमेल वार्ड भी फुल 

बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी मौसमी बीमारियों से जूझ रहे है। तेज बुखार, हाथ पैरों में जकडऩ, शरीर दर्द, कमजोरी और उल्टियां होने जैसी समस्याओं से पीड़ित मरीजों से फीमेल और मेल ओपीडी व वार्ड फुल है।

यह लक्षण हो सकते हैं गंभीर

– 104 डिग्री तक बुखार लगातार बने रहना।

– बुखार के साथ उल्टियां या झटके होना।

– बच्चों में कमजोरी और सुस्ती रहना।

– शरीर में लाल चकते या दाने आना।

(यह लक्षण दिखे तो चिकित्सकीय इलाज जरुर कराएं)

बीमारी से बचने इन बातों का रखें ख्याल

– खुली खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें।

– फीवर आने पर पानी की पट्टी रखें।

– ताजे भोजन का सेवन करें।

– पानी और तरल पदार्थ का अधिक सेवन करें।

– भोजन से पहले साबुन से हाथ धोएं।

– तेज बुखार बने रहने पर डॉक्टर से परामर्श लेकर दवा लें।

हार्ट पेशेंट को एमडी मेडिसिन डॉ.मनीष गठोरिया की सलाह

– हार्ट पेशेंट दवाएं समय पर लें।

– ठंड के दिनों में सुबह अचानक बिस्तर से न उठें।

– सूर्योदय के बाद ही टहलने निकले।

– सुबह धूप निकलने के बाद ही नहाए।

– सामान्य व्यायाम ही करें।

– धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।

– तेल, मिर्च और मसालेदार भोजन का सेवन न करें।

– समय पर सोएं ताकि नींद पूरी ले सके।

– डॉक्टर से रूटीन जांच कराते रहे।

जिला अस्पताल की शिशु ओपीडी 

तारीख पेशेंट

18 नवम्बर 94

19 नवम्बर 84

20 नवम्बर 69

21 नवम्बर 58

22 नवम्बर 60

23 नवम्बर 75