जेके सीमेन्ट प्लांट में हादसे के बाद मजदूरों की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

Panna News: पन्ना के अमानगंज, सिमरिया स्थित जेके सीमेन्ट प्लांट की निर्माणाधीन दूसरी यूनिट की सातवें फ्लोर की स्लैब में आज अचानक भरभराकर गिर गई जिससे स्लैब की ढलाई के दौरान मौजूद एक इलेक्ट्रीशियन सहित तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में डेढ़ दर्जन से भी अधिक मजदूर घायल हो गए। जिनकी हालत भी चिंताजनक बताई जा रही है सीमेन्ट प्लांट की यूनिट में हादसे का कारण घटना के ०९ घंटे गुजर जाने के बाद भी न तो कंपनी की ओर से और न ही प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है। हादसा जब सुबह १०:३० बजे घटित हुआ उस समय प्लांट की वर्क यूनिट निर्मार्णाधीन सातवीं मंजिल में १०० से भी अधिक मजदूर काम पर लगे हुए थे। काम करने वालों में अधिकांश मजदूरों में बिहार से लाए गए ठेका मजदूर बताये जा रहे हैं। हादसे में निर्माण कार्य के दौरान काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के कार्य में बडी लापरवाही की आशंका जताई जा रही है।

हादसे के बाद सीमेन्ट प्लांट में काम करने वाले मजदूरों में मातम पसरा हुआ है। निर्माणाधीन फ्लोर में उस वक्त काम कर रहे एक मृतक मजदूर के रिश्तेदार परिजन मजदूर ने बताया कि जिस स्थल पर स्लेब कंक्रीट गिरी उसकी ढलाई का कार्य एक दिन पहले बुधवार देर रात चला था और उसके बाद आज उसी स्थान पर बीम की ढलाई का कार्य लगा हुआ था। स्लेब सही तरीके से सूखी न होकर गीली थी और ऐसे में यह भी बात कही जा रही है कि छत लोड नहीं सह पाई। मृतक इलेक्ट्रीशियन रोहित खरे के परिजन ने बताया कि जेके सीमेन्ट कंपनी द्वारा मजदूरों की सुरक्षा का ध्यान नहीं दिया जाता बल्कि कंपनी निर्माण कार्याे को एक समय सीमा में निर्धारित कर जल्द से जल्द कराये जाने पर जोर दिया जाता है। जिसके चलते सुरक्षा कार्याे में लापरवाहियां हो रही है। टाइम वर्क लोड की वजह से कार्य आपाधापी में करवाये जाते है और इसके चलते कई बार निर्माण में जरूरी आवश्यकताओ की भी अनदेखी होती है।

हादसे के बाद परिजन अंदर भी नहीं जा पाए

जेेके सीमेन्ट प्लांट के निर्माणाधीन यूनिट की स्लेब ढह जाने से हुए हादसे के बाद हडकंप की स्थिति मच गई। हादसे में कई लोगों के दबे होने की जानकारी के बाद परिजनों व परिचितों द्वारा कहीं कोई उनका अपना तो घायल नही है इसकी जानकारी लेने के लिए मजदूर के परिजन व परिचित सीमेन्ट प्लांट पहुंचने लगे परंतु हादसे के बाद लोगों का प्रवेश रोकने के लिए सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए। अधिकारियों और प्रशासन से जुडे लोगों को जाने दिया जा रहा था। हादसे की वजह व सच्चाई और घायलों की स्थिति की जानकारी जुटाने के लिए काफी संख्या में मीडियाकर्मी भी प्लांट पहुंच गए किन्तु उन्हें भी घटना स्थल तक पहुंचने की अनुमति दी गई। बताया जाता है कि घटना के बाद राहत एवं बचाव कार्य के लिए प्रशासन की टीम जब पहुंची तब वहां पर अन्य मौजूद मजदूरों व मृतक को करीब ३-४ घंटे के दौरान बाहर निकाल दिया गया जिसके बाद राहत टीमों द्वारा घायलों को इलाज के लिए कटनी भेजे जाने की व्यवस्था की गई।

बडे हादसे की जांच तीन कार्यपालन यंत्री के जिम्मे

जेके सीमेन्ट में जिस तरह से हादसा हुआ है उसमें मजदूरों की सुरक्षा पर बडे सवाल खडे हो रहे हंै। मजदूरों की सुरक्षा को लेकर प्रबंधन की व्यवस्थाओं और कार्यप्रणाली पर सवाल खडे हो रहे है। मृतक और ज्यादतर मजदूर दूर राज्य बिहार तथा अन्य राज्यों के हैं। ऐसे में मजदूरों की मौत किन लापरवाहियों के चलते हुए इसकी आवाज दबी हुई है। सीमेन्ट कंपनी का प्रभाव इतना देखने को मिल रहा है कि सरकार का स्थानीय श्रम विभाग भी मजदूर के सुरक्षा किस तरह से हो रही है और श्रम कानूनों का कार्य स्थल में किस तरह से पालन हो रहा है इसकी निरीक्षण जांच तक के लिए नहीं पहुंचते। सीमेन्ट प्लांट में हुए बडे हादसे की उच्चस्तरीय एवं निष्पक्ष जांच की मांग शुरू हो चुकी है किन्तु हादसे की निष्पक्ष जांच को लेकर फिलहाल जिला प्रशासन की खामोशी नजर आ रही है। हादसे की जांच के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है जिसमें कार्यपालन यंत्री पीआईयूू, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग तथा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को शामिल किया गया है। यह तीन सदस्यीय टीम हादसे के कारणों की किन बिन्दुओं पर जांच करेगी यह भी स्पष्ट नहीं है।

जिला अस्पताल में तीन मृतकों का हुआ पोस्टमार्टम

जेके सीमेन्ट प्लांट में हुए हादसे में घटना के दौरान ही दम तोडने वाले तीन मजदूरों इलेक्ट्रीशियन रोहित खरे उम्र ३२ वर्ष, मोहम्मद मसूद उम्र ३६ वर्ष, अंसार आलम उम्र ३५ वर्ष के शवों को अपरान्ह लगभग ०४ बजे प्लांट से जिला अस्पताल पन्ना स्थित पोस्टमार्टम हाउस में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया जहां पर तीनों मृतक मजदूरों का पोस्टमार्टम किया गया। मृतक मजदूरों के साथ आए उनके करीबी परिजन मजदूरों में गहरा शोक दिखाई दे रहा था। पुलिस की सुरक्षा के बीच चिकित्सक द्वारा मृतकों का पोस्टमार्टम किया गया। मृतक दो मजदूरों मोहम्मद मसूद, अंसार आलम जो कि बिहार के है। अंतिम संस्कार के लिए उनके घर भेजे जाने को लेकर तैयारी की जा रही थी। बताया गया कि मृतक अपने घर परिवार को छोडकर ७००-८०० किलोमीटर दूर सरिया की ढलाई के काम के लिए जेके सीमेन्ट में आकर सात माह से काम कर रहे थे।

परिवार का एक मात्र सहारा था मृतक रोहित

हादसे में मृत इलेक्ट्रीशियन स्लेब की ढलाई के दौरान इलेक्ट्रिक फिटिंग की जांच के लिए मौजूद था जिसकी स्लेब ढह जाने से मौत हो गई। जिन चार की मौत हुई है उनमें रोहित ही एक मात्र पन्ना का निवासी है। रोहित मूल रूप से कुम्हारी ग्राम का निवासी है और वह अपने बुजुर्ग के माता- पिता के साथ ही हद्य की बीमारी से पीडित अपने छोटे भाई मोहित की देखभाल करते हुए भरण पोषण का कार्य करते हुए सिमरिया में रहता था। आज हुए हादसे में बुजुर्ग माता-पिता और बीमार भाई से जीवन का सहारा छीन लिया है रोहित की मौत से क्षेत्राचंल में शोक व्याप्त है।

इनका कहना है

सीमेन्ट प्लांट में हुए हादसे की जानकारी लगने पर वह प्लांट पहुंचे और हमारी प्राथमिकता थी कि जो घायल मजदूर दबे है उनके लिए राहत व बचाव कार्य शीघ्रता से पूरा करवाकर घायलों को इलाज के लिए भेजा जाये। दुखद हादसे में चार मजदूरों की मौत हुई है १५ के घायल होने की जानकारी मुझे है जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाते हुए उपचार कार्य प्रारंभ करवा दिया गया है। हादसे की जांच के संबंध में निर्णय लिया जा रहा है।

वीरेन्द्र रावत, कमिश्नर सागर संभाग

कलेक्टर के निर्देशानुसार जेके सीमेन्ट प्लांट में हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है समिति में कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, पीआईयू तथा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को रखा गया है। कमेटी जांच कर हादसे के कारणों की रिपोर्ट देगी।

नीलाम्बर मिश्रा, अपर कलेक्टर पन्ना