जब हथियारबंद माओवादियों ने कर लिया था ट्रेन को हाईजैक, पाकिस्तान ही नहीं भारत में भी हो चुका है रेल अपहरण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में मंगलवार को एक दिल दहलाने वाली घटना घटी है। बलूच लिबरेशन आर्मी ने दावा किया कि उसके लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया और 120 यात्रियों को बंधक बना लिया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता के हवाले से बताया कि क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर पेहरो कुनरी और गदलार के बीच भारी गोलीबारी की खबरें हैं। इस दौरान 6 सैनिकों की मौत हो गई है।

बताया जा रहा है कि इस ट्रेन में सेना और पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के भी मौजूद थे। वहीं इस घटना के बाद पाकिस्तान की सेना ने एक्शन लेना शुरु कर दिया है। आपको बता दें कि पाकिस्तान की तरह ही भारत में भी ट्रेन हाईजैक जैसी घटना हो चुकी हैं।

जनशताब्दी ट्रेन हाईजैक (2013)

भारत में साल 2013 में ट्रेन हाईजैक की घटना हुई थी। 6 फरवरी के दिन मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर सिरसा गेट से कुम्हरी के बीच करीब 13 किलोमीटर की दूरी तक जनशताब्दी ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया था। इस मामले में 6 लोगों दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। दरअसल, यह पूरा मामला जयचंद किडनैपिंग केस से जुड़ा रहा था। साल 2001 में व्यापारी जयचंद वैद्य का अपहरण हुआ था, उन्हें 44 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया था। पुलिस ने इस मामले उपेंद्र सिंह उर्फ कबरा को गिरफ्तार किया था। कोर्ट से उसे सजा भी मिली थी। हालांकि, वह जेल तोड़कर फरार हो गया था। बाद में उसने ही जनशताब्दी हाईजेक की घटना को अंजाम दिया था।

भुवनेश्वर-राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक (2009)

इससे पहले साल 2009 में भी ऐसी ही घटना घटी थी। हथियारबंद माओवादियों ने भुवनेश्वर-राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया था। मिली जानकारी के अनुसार, जंगलमहल में करीब 300-400 माओवादियों ने पूरी ट्रेन पर कब्जा कर लिया था। इस दौरान उन्होंने सैंकड़ों यात्री और ट्रेन में मौजूद कई रेलकर्मियों को भी बंधक बना लिया था। इसके बाद करीब 150 सुरक्षाकर्मियों ने एक्शन लेते हुए ट्रेन को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया था। गनीमत रही कि इस घटना में पैसेंजर या फिर रेलकर्मियों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ, सभी सुरक्षित थे।