‘जब तक युवाओं के साथ न्याय नहीं होता यहीं बैठा रहूंगा..’, प्रशांत किशोर का आमरण अनशन शुरू, की ये मांग

डिजिटल डेस्क, पटना। बीपीएससी छात्रों का प्रदर्शन बड़ा रूप लेता जा रहा है। BPSC की 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर हो रहे इस विरोध प्रदर्शन को बिहार में विपक्षी दलों का भी समर्थन मिल रहा है। जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर बीपीएससी छात्रों के समर्थन में पटना के गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के सामने गुरुवार को आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बीपीएससी परीक्षा रद्द होने की मांग पूरी नहीं होगी तब तक वह अनशन पर बैठे रहेंगे।

पीके ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में पूरी शिक्षा व्यवस्था चौपट है। एक के बाद एक अलग अलग परीक्षाओं का पेपर लीक हो रहे हैं। डोमिसाइल नीति लागू हो।

‘न्याय न होने तक जारी रहेगा अनशन’

प्रशांत किशोर ने कहा, ”मैं यहां बिहार के युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ, भ्रष्ट प्रतियोगिता परीक्षा के खिलाफ, ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठा हूं। जब तक युवाओं के साथ न्याय नहीं होता यहीं बैठा रहूंगा।”

‘करप्शन की हाईलेवल जांच हो’

पांच सूत्री मांगों के साथ धरने पर बैठे प्रशांत किशोर ने आरोप लगाते हुए कहा, ”आधी से ज्यादा सीटों पर पहले ही सौदा हो चुका है।” उन्होंने BPSC में अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच और फिर से एग्जाम की मांग की। प्रशांत किशोर ने कहा, ”सरकार 2015 सात निश्चय के तहत बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दे।”

‘दोषियों पर हो कार्रवाई’

जनसुराज पार्टी के संस्थापक ने आगे कहा, ”पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं, पेपर लीक की जांच और दोषियों पर की गई कार्रवाई पर श्वेत पत्र जारी हो। लोकतंत्र की जननी बिहार को लाठी तंत्र बनाने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। बिहार की सरकारी नौकरियों में बिहार के युवाओं की कम से कम दो तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू की जाए।”

बता दें कि प्रशांत किशोर ने सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था कि यदि बीपीएससी पीटी परीक्षा रद्द नहीं हुई तो वे फिर से 2 जनवरी से धरना पर बैठेंगे। इसके बाद आज जब सरकार की ओर से कुछ कदम नहीं उठाया गया तो उन्होंने अपने वादे के मुताबिक गुरुवार से धरना शुरू कर दिया।