
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और अमेरिकी मूल के बुच विल्मोर बीते चार महीनों से अंतरिक्ष में फंसे हैं। दोनों अंतरिक्ष यात्री 6 जून को नासा के स्पेस क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन के तहत बोइंग के स्टारलाइनर स्पेस क्राफ्ट से अंतरिक्ष में गए थे। मिशन के नियम के मुताबिक दोनों यात्रियों को एक सप्ताह के लिए स्पेस में रहना था। लेकिन अंतरिक्ष यान में तकनिकी खराबी की वजह से उनकी घरवापसी नहीं हो सकी। इसके बाद नासा ने अपने बयान में कहा था कि दोनों अंतरिक्ष यात्री अगले साल फरवरी में स्पेस एक्स के क्रू ड्रैगन मिशन से धरती पर वापस लौटेंगे।
दोनों एस्ट्रोनॉट्स बोइंग के स्टारलाइनर स्पेस क्राफ्ट से अंतरिक्ष में गए थे। लेकिन अंतरिक्ष यान में अचानक खराबी गई जिसकी वजह से उनके घरवापसी को टाल दिया गया था। दरअसल, बोइंग स्टारलाइनर स्पेस क्राफ्ट में हिलियम गैस का रिसाव होने की वजह से नासा ने यह फैसला किया था। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने एक बयान के जरिए कहा था कि सुनीता विलियम्स और विल्मोर पृथ्वी पर लाना बहुत जोखिम भरा है।
अब दोनों एस्ट्रोनॉट्स एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स की क्रू ड्रैगन के साथ अगले साल फरवरी में वापस लौटेंगे। ऐसे में दोनों यात्रियों की एक सप्ताह की अंतरिक्ष यात्रा अब आठ महीनों की हो गई है। इसके बाद लोगों के मन में कई बड़े सवाल पैदा हो रहे हैं। जैसे कि एक सामान्य इंसान कितने दिनों तक स्पेस में सही सलामत रह सकता है? क्या इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थय पर आठ महिने अंतरिक्ष में बिताने के बाद कोई प्रभाव पड़ेगा? चलिए जानते हैं इन सवालों के जवाब।
कितने दिनों तक एक सामान्य इंसान स्पेस में समय बिता सकता है?
सबसे पहले बात करेंगे कि एक सामान्य इंसान कितने दिनों तक स्पेस में रह सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक एक सामान्य इंसान लगभग 300 से 400 दिनों तक अंतरिक्ष में बिता सकता है। आपको बता दें, रूसी अंतरिक्ष यात्री वालेरी पोल्याकोव के पास अंतरिक्ष में सबसे अधिक दिन रहने का रिकॉर्ड है। उन्होंने जनवरी 1994 से मार्च 1995 तक मीर स्पेस स्टेशन पर लगातार 437 दिनों तक बिताए थे।
सुनीता-बुच को हो सकती हैं ये समस्याएं
अगर बात करें अंतरिक्ष में लंबा समय बिताने से सुनीता-बुच के स्वास्थय पर क्या असर होगा तो, एक रिपोर्ट के अनुसार स्पेस में ग्रैविटी की कमी की वजह से दोनों की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। लंबा समय बिताने पर उनकी हड्डियां भी कमजोर हो सकती हैं। हर महीने उनकी हड्डियों का घनत्व 1% कम हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें, बीते साल अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक 371 दिन अंतरिक्ष में रहने के बाद वापस लौटे। फ्रैंक पर हुई शोध में पता चला कि वापस आने पर उन्हें नजर संबंधी समस्याएं, डीएनए में बदलाव, वजन में कमी और इम्यून सिस्टम में परिवर्तन देखने को मिला।