
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल के साथ-साथ बडगाम से जीत हासिल की है। बता दें, गांदरबल सीट उमर अब्दुल्ला की पारंपरिक सीट रही है। इस सीट से उनके दादा शेख अब्दुल्ला और पिता फारुक अब्दुल्ला विधायक रह चुके हैं। अब उमर अब्दुल्ला दूसरी बार जम्मू कश्मीर की कमान संभालने जा रहे हैं। चलिए जानते हैं उमर अब्दुल्ला के राजनीतिक सफर के बारे में।
कौन हैं उमर अब्दुल्ला?
उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उमर अब्दुल्ला अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के नेता हैं। उनके दादा और पिता दोनों ही जाने माने नेता और मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस की स्थापना इनके दादा शेख अब्दुल्ला ने ही की थी। उमर अब्दुल्ला लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से हारे थे। लेकिन उन्होंने लोकसभा चुनाव में तीन बार जीत हासिल की थी। उमर अब्दुल्ला साल 2009 से लेकर साल 2015 तक मुख्यमंत्री रहे। जिसके बाद अब फिर से वो राज्य के सीएम बनने जा रहे हैं। वो दूसरी बार जम्मू कश्मीर के सीएम बनेंगे। उनके पिता फारुक अब्दुल्ला भी जम्मू कश्मीर के तीन बार सीएम रह चुके हैं।
बडगाम सीट का इतिहास
बडगाम विधानसभा सीट पर दूसरे फेज में वोटिंग हुई थी। साल 1977 से ये सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ रहा है। राज्य में पिछली बार साल 2014 में चुनाव हुए थे। जिसमें इस सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी ने जीत हासिल की थी।
गांदरबल सीट का इतिहास
गांदरबल विधानसभा सीट साल 1962 में सामने आई थी। अब तक इस सीट पर 10 बार हुए चुनाव में 5 बार अब्दुल्ला परिवार ने जीत हासिल की और 7 बार सीएम पद की शपथ ली। जितनी बार इस सीट से अब्दुल्ला परिवार के किसी भी सदस्य को जीत मिली है तो वह वहां का मुख्यमंत्री बना है। इस परंपरा की शुरुआत साल 1977 में विधानसभा चुनाव के दौरान हुई थी। जुलाई 1977 में विधानसभा चुनाव के बाद उमर के दादा शेख अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने। चुनाव में शेख ने गांदरबल सीट से ही जीत हासिल की थी और वह सत्ता तक पहुंचने में कामयाब रहे थे और पहली बार विधायक बने थे। इस बार इनके पोते उमर अब्दुल्ला ने इस सीट पर जीत हासिल की है और मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने वाले हैं।