
Mumbai News : बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जांच में पुलिस को पता चला कि युवा पीढ़ी लॉरेंस बिश्नोई की रील्स देखकर उससे प्रभावित हो रही है। रील्स में लॉरेंस और उसके गुर्गों के हावभाव देखकर युवा अपराध की ओर खिंचे चले जाते हैं। बाबा की हत्या में शामिल आरोपी भी इसी लालच में अपराध में शामिल हो गए। इन आरोपियों में पुणे के कर्वेनगर,मुंबई और यूपी से गिरफ्तार आरोपियों का नाम शामिल है।जिनकी उम्र 20 से 23 वर्ष के बीच है। हालांकि मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच ने सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म से बिश्नोई के सौ से ज्यादा वीडियो डिलिट करवा दिये थे। लेकिन रील्स अपलोड करने का लारेंस गैंग का यह सिलसिला थमा नहीं है।
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के मुताबिक रील्स देखकर जो युवा प्रभावित हो रहे हैं, ऐसे युवाओं पर बिश्नोई गैंग के गुर्गों की नजर रहती है और वे सामने से युवकों से संपर्क करते हैं। उनका ब्रेनवॉश कर अपराधों में उनका इस्तेमाल करते हैं। अधिकारी के मुताबिक बिश्नोई गैंग युवाओं को तब तक ही पैसा देता है, जब तक वो अपराध को अंजाम नहीं दे देते। सलमान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटर विक्की गुप्ता, सागर पाल और बाबा की हत्या करने के बाद तीनों शूटरों को एक भी पैसा नहीं मिला। इसकी पुष्टि इन आरोपियों ने पूछताछ में भी की है।
सागर मूंदड़ा, मनोचिकित्सक के मुताबिक युवा वर्ग अपराध से जुड़े रोमांच की ओर आकर्षित होते हैं। इन युवाओं के अभिभावकों को बहुत ज्यादा ध्यान देने और जल्द से जल्द उनकी कॉउंसिलिंग करने की जरुरत होती है।
एडवोकेट प्रशांत माली, साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक भारत में एक ऑनलाइन कंटेंट रेगुलेटर होना जरूरी है। हमारा मौजूदा कानून निवारण का काम नहीं कर रहा और सोशल मीडिया पर गलत लोगों को हीरो बनाया जा रहा है। इसको लेकर सख्त कानून लाने की जरुरत है।
पी के जैन – पूर्व आईपीएस अधिकारी के मुताबिक कम उम्र के जिन युवाओं का झुकाव अपराध की तरफ हो रहा है, उसकी वजह सोशल मीडिया पर गैंगस्टर की रील्स और पैसे की चाहत तो है ही,लेकिन एक बड़ी वजह यह भी है कि उस युवा का दिमाग भी उसी तरह का हो चुका होता है।