गर्मी की आहट-पूरी नहीं भर रहीं टंकियां, शहर में 10 से 15 मिनट आ रहे नल

Jabalpur News: गर्मी की आहट शुरू होते ही शहर में जलसंकट शुरू हो गया है। शहर के कई क्षेत्रों में पानी की टंकियां पूरी नहीं भरी जा रही हैं। इसके कारण 10 से 15 मिनट ही नल आ रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि शहर में 63 पानी की टंकियां होने के बाद भी हर साल गर्मियों में जलसंकट छा जाता है। शहर में पर्याप्त पानी होने के बावजूद आम जनता तक पानी नहीं पहुंच पा रहा।

जल वितरण व्यवस्था कमजोर होने के कारण पानी की टंकी पूरी नहीं भरी जा रही है। पानी की टंकियां तीन से चार फीट खाली ही रह जाती हैं। हालात ये हैं कि कई क्षेत्रों में 10 से 15 मिनट ही पानी मिल पा रहा है। इससे गर्मी की शुरुआत में ही शहर में पानी की कमी होने लगी है। हैरान करने वाली बात यह है कि रिकॉर्ड में पानी की टंकी को पूरा भरना दिखाया जा रहा है।

फिल्टर प्लांट से ज्यादा दूरी और पम्पिंग स्टेशन का अभाव

शहर में फिल्टर प्लांट से कई पानी की टंकियां 20 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर हैं। इसके कारण ये टंकियां पूरी नहीं भर पाती हैं। पहाड़ी क्षेत्र की टंकियों में भी पानी चढ़ाने में दिक्कत आ रही है। प्रभावित टंकियों के आसपास नगर निगम ने पम्पिंग स्टेशन भी नहीं बनाए हैं। इसके कारण समस्या विकराल होती जा रही है।

टंकी से घर तक नहीं पहुंच रहा पानी

एक पानी की टंकी से लगभग ढाई किलोमीटर के क्षेत्र में पानी की सप्लाई की जाती है। यदि पानी की टंकी की दूरी ढाई किलोमीटर से ज्यादा है तो पानी उन क्षेत्रों में कम आने लगता है। इसके साथ ही लोग बड़े पैमाने पर पंप के जरिए भी पानी खींच रहे हैं, जिससे कई क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

इन क्षेत्रों में ज्यादा समस्या

शहर में देवताल, संजय नगर, अधारताल, त्रिमूर्ति नगर, माढ़ोताल, बजरंग नगर रांझी, मदर टेरेसा नगर, करमेता, मदार टेकरी, मोतीनाला, सिद्धबाबा, कुलीहिल टैंक, बिलपुरा, मोहनिया, मानेगांव और मड़ई क्षेत्र में सबसे ज्यादा पानी की समस्या है।

शहर में चार फिल्टर प्लांटों से होती है पानी की सप्लाई

जबलपुर शहर में चार फिल्टर प्लांटों से पानी की सप्लाई होती है। नर्मदा नदी पर रमनगरा और ललपुर में फिल्टर प्लांट बनाए गए हैं। रांझी जलशोधन संयंत्र से परियट जलाशय और बरगी नहर के पानी की सप्लाई की जाती है। भोंगाद्वार फिल्टर प्लांट से खंदारी जलाशय और गौर नदी के पानी की आपूर्ति की जाती है।

2 लाख लीटर की पानी की टंकी से 3 हजार घरों में होती है सप्लाई

एक्सपर्ट का कहना है कि 2 लाख लीटर की पानी की टंकी से 3 हजार घरों में पानी की सप्लाई की जाती है। नगर निगम की पाइप लाइनों में जगह-जगह लीकेज होने के कारण लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। शिकायत के बाद भी लीकेज सुधार में लापरवाही की जाती है।

योजना अमृत-2 के तहत बनेंगी 18 नई पानी की टंकियां

शहर में जल वितरण व्यवस्था को मजबूत करने हेतु योजना अमृत-2 के तहत 18 नई पानी की टंकियां बनाई जाएंगी। यह काम दो साल के भीतर पूरा हो जाएगा। इससे शहर में काफी हद तक जलसंकट दूर हो जाएगा।

शहर में 1.65 लाख नल कनेक्शन

नगर निगम सीमा के अंतर्गत 79 वार्ड हैं। इनमें 1.65 लाख नल कनेक्शन हैं। शहर की 63 पानी की टंकियों के जरिए 1.65 लाख लोगों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। पानी की समस्या सबसे ज्यादा नए वार्डों में हैं।

25 हजार से अधिक अवैध नल कनेक्शन | शहर में एक अनुमान के मुताबिक 25 हजार से अधिक अवैध नल कनेक्शन हैं। अवैध कनेक्शन की वजह से ही जल वितरण का संतुलन बिगड़ रहा है। ज्यादातर अवैध नल कनेक्शन जल विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से लिए गए हैं। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं नहीं हो रही है।

पानी की टंकी से दूरी वाले क्षेत्रों में पानी कम पहुंच पा रहा है। ज्यादातर क्षेत्रों में पंप लगाकर पानी खींचा जा रहा है। इससे कुछ क्षेत्रों में पानी की समस्या आ रही है। योजना अमृत-2 के तहत 18 नई टंकियों का निर्माण कराया जा रहा है।

-कमलेश श्रीवास्तव, जल प्रभारी, नगर निगम

निगम के रटे-रटाए जवाब

मोटर पंप से पानी खींच रहे लोग।

अवैध नल कनेक्शनों की वजह से आ रही परेशानी।

नई पानी की टंकी बनने में लगेगा दो साल का समय।

जनता के सवाल

मोटर पंप को जब्त करने की कार्रवाई कौन करेगा।

अवैध नल कनेक्शन पर एक्शन कम

टंकी से दूर रहने वाले लोगों के घरों तक कौन पहुंचाएगा पानी।