गणतंत्र दिवस आज, दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था की पूरी तैयारी, कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड को लेकर लोगों में उत्साह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज देशभर में गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। 1950 में इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था, जिससे देश एक संप्रभु और लोकतांत्रिक गणराज्य बना। इस खास मौके पर दिल्ली के कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर भव्य परेड का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन किया जाता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज सुबह राजधानी दिल्ली में झंडा का ध्वजारोहण करेगी। इस साल के चीफ गेस्ट इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो हैं, जो आज कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड को देखेंगे। 

सुरक्षा की तैयारी भी जोरों पर

राजधानी दिल्ली में सुरक्षा की तैयारी जोरों पर है। साथ ही, जगह-जगह पर पुलिस की तैनाती की गई है। हजारों की संख्या आज सुबह लोग कर्तव्य पथ पर जमा होंगे। जिसके मद्देनजर पुलिस में सतर्क है। गणतंत्र दिवस के दिन ही सांस्कृतिक परेड होगी। जिसमें भारत की विविधता के बारे में बताया जाएगा। इस साल इसकी थीम ‘स्वर्णिम भारत-विरासत और विकास’ है। यह थीम भारत की जीवंत सांस्कृतिक विरासत और इसके निरंतर विकास की यात्रा पर जोर देती है। 

जानिए इतिहास

भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था तथा 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया। 26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। यह ऐतिहासिक क्षणों में गिना जाने वाला समय था। इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है।

हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने का अधिकार देता है। संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्‍ट्रीय ध्‍वज फहराया था।

गणतंत्र दिवस (26 जनवरी, 1950) के मौके पर भारत का संविधान लागू हुआ था। उस वक्त डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के राष्ट्रपति थे। इसलिए वो देश के संवैधानिक प्रमुख थे। तब उन्होंने ही देश में पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया था। ऐसे में तब से ही गणतंत्र दिवस पर देश के राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं और प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन लालकिला पर झंडा फहराते हैं। बता दें कि, दोनों ही प्रक्रियाएं हमारे राष्ट्रीय गौरव और देशभक्ति का प्रतीक है।