गडचिरोली जिले में शराबबंदी के लिए प्रयास करना जरूरी : नीलोत्पल

Gadchiroli News आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में पुलिस पाटील का कार्य महत्वपूर्ण है। जिले में अंधविश्वास, जंगली जानवरों का शिकार, कानून और व्यवस्था समेत गांव की हर गतिविधि की जानकारी देने का कार्य पुलिस पाटील करते है। पुलिस पाटील और महिलाओं को अपने क्षेत्र में शराबबंदी के लिए प्रयास करना जरूरी है। इसके लिए पुलिस प्रशासन आपके साथ है। यह बात जिला पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने की है।

उन्होंने आगे कहा कि, आगामी त्योहारों और समारोह के दौरान कानून और व्यवस्था पर समस्या निर्माण न हो, इसके लिए सतर्क रहना जरूरी है। सुरक्षा व व्यवस्था को ध्यान में रखकर पुलिस प्रशासन के आंख और कान के रूप में पुलिस पाटील कार्य करें, ऐसी अपील जिला पुलिस अधीक्षक ने की है। नक्सल प्रभावित गड़चिरोली जिले में पुलिस पाटील नागरिकों से समन्वय बनाने के लिए अहम कड़ी है। सामान्य जनता और पुलिस प्रशासन का महत्वपूर्ण दुवा पुलिस पाटील है। पुलिस पाटीलों के कार्य को ध्यान में लेते हुए जिला पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल के मार्गदर्शन में मंगलवार, 8 अप्रैल को जिले के विभिन्न गांवों के पुलिस पाटीलों की जिला स्तरीय समन्वय बैठक का आयोजन पुलिस मुख्यालय के शहीद पांडू आलाम सभागृह में हुई। इस समय मार्गदर्शन करते हुए वे बोल रहे थे।

समन्वय बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक यतिश देशमुख, प्रभारी पुलिस उपअधीक्षक विनोद चव्हाण, महाराष्ट्र गांव कामगार संगठन के जिलाध्यक्ष योगराज नाकाडे, महाराष्ट्र पुलिस पाटील एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अनिल खेवले, गांव कामगार संगठन की महिला जिलाध्यक्ष लता उईके आदि प्रमुखता से उपस्थित थे। उन्होंनेे आगे कहा कि, उत्तर गड़चिरोली जिला अब नक्सलियों से मुक्त हुआ है। गड़चिरोली जिला नक्सल की पहचान खत्म कर अब विकास ओर अग्रसर हो रहा है। इसलिए नागरिक और पुलिस पाटील पुलिस प्रशासन को सहयोग करें, ऐसा आह्वान किया है। प्रस्तावना पुलिस निरीक्षक अरुण फेगडे ने रखी। आभार प्रभारी पुलिस उपअधीक्षक विनोद चव्हाण ने माना। कार्यशाला में जिले के विभिन्न गांवों के करीब 600 पुलिस पाटील व पुलिस जवान मौजूद थे। सफलतार्थ पुलिस निरीक्षक अरुण फेगडे, पुलिस निरीक्षक निखिल फटींग, सहायक पुलिस निरीक्षक राहुल आव्हाड, सहायक पुलिस निरीक्षक भगतसिंग दुलत व सभी पुलिस अमलदारों ने प्रयास किया।