कृत्रिम और नैसर्गिक मचानों को अपडेट कर रहा वनविभाग

Amravati News आगामी 12 मई को पड़नेवाली वैशाख पूर्णिमा को वन्य जीव गणना की जाएगी। वन्य जिव गणना का यह मौका उत्साह और रोमांच से भरपूर रहता है। आम नागरिक भी इसका अधिक से अधिक लुफ्त उठाये इसलिए वन विभाग भी इसकी व्यापक तैयारी करता है। इस वर्ष के वन्य जीव गणना की तैयारी में वन विभाग द्वारा अपने सभी कृत्रिम और नैसर्गिक मचानों को अपडेट कर रहा है। जिले में ऐसी 102 से अधिक मचानों की व्यवस्था वन विभाग कर रहा है।

वन विभाग से जुड़े अधिकारी ने बताया, जिले में वन विभाग और टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अकोट, परतवाड़ा, सेमाडोह, सीपना और मेलघाट वन्य जिव विभाग में चिखलदरा, तारुबांदा, ठाकना, हरिसाल, जामली, अकोट, धुलघाट, सेमाडोह, घटांग, गाविलगढ़, नरनाला, सोमठाणा, वान, धारगढ़ और सोनाला वन परिक्षेत्र की 102 से अधिक मचानों से वन्य जिव गणना की व्यवस्था की तैयारी की जा रही है।

वन्यजीव गणना में बाघ, तेंदुए, भालू, सियागोश, लकड़बग्घे, भेड़िए, सियार, लोमड़ी, जंगली बिल्ली, लंगूर, जंगली सूअर, नीलगाय, सांभर, चीतल, काला हिरण, चिंकारा, नेवला जैसे वन्यजीवों की अनेको प्रजातियों की गणना की जाती है।

हर वर्ष वैशाख पूर्णिमा को ही वन्य जीव गणना क्यों? इस सवाल के जवाब में बताया गया कि, अमूमन इस समय गर्मी ज्यादा पड़ती है, इसलिए वन्य जीव चौबीस घंटे में कम से कम एक बार पानी पीने जरूर आते हैं। वहां मचानों पर बैठे कर्मचारी इसकी गणना करते हैं।

अब तो अनेक जगह ट्रेप कैमरे भी लग गए, उसमें भी वन्यजीवों की गतिविधि कैद हो जाती है। दूसरा कारण है पूर्णिमा को चांद की चांदनी रहती है, इसमें वन्य जीव दूर से बिना कृत्रिम लाइट के आसानी से नजर आ जाते हैं। इसलिए वैशाख पू​र्णिमा को वन्यजीवों की गणना की जाती है।