किसानों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की खत्म हुई बैठक, अब 19 मार्च को होगी अगली मीटिंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एमसपी समेत अन्य मुद्दों को लेकर किसान नेताओं और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच बैठक समाप्त हो चुकी है। इस बैठक के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दोनों किसान संगठन से आज हमारी बहुत सद्भाव पूर्ण वातावरण में हमारी चर्चा हुई है। इसके बाद अब अगली बैठक 19 मार्च को चंडीगढ़ में रखी गई है। बता दें, इस बैठक में केंद्र सरकार की ओर से गठित केंद्रीय टीम से शिवराज सिंह, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी मौजूद रहे थे।

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केंद्र सरकार और किसान के बीच हुई बैठक

इस बैठक के बारे में किसान नेता ने चर्चा की। उन्होंने बताया कि एमएसपी को लेकर चर्चा हुई। डाटा को दिखाया गया है, इसको आधार बनाया गया और उसको सरकार के साथ शेयर किया जाएगा। हम लोगों के बीच बहुत अच्छी चर्चा हुई है। हालांकि ये चर्चा सिर्फ MSP को लेकर हुई। किसान जत्थेबंदियों ने एक ही मांग रखी कि एमएसपी को कानूनी गारंटी दी जाए। तीनों मंत्रियों ने जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल को खत्म करने की बात की लेकिन उन्होंने कहा कि जब तक मामले का समाधान नहीं निकलेगा, तब तक भूख हड़ताल खत्म नहीं होगी।

इस बैठक में केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी समेत अन्य लंबित मांगों को लेकर चर्चा हुई। बता दें, 13 फरवरी 2023 से पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान यूनियन – संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा धरने पर बैठे हैं। इस दौरान सुरक्षा बलों ने किसानों को अपनी मांगों को लेकर दिल्ली तक मार्च करने की इजाजत दी थी।

इस संबंध में किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंधेर ने बातचीत की। उन्होंने बताया कि अगर उन्हें सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो वे 25 फरवरी को दिल्ली कूच करने की तैयारी करेंगे। फिलहाल, ये कूच को स्थागित कर दिया गया है। दरअसल, इससे पहले 19 मार्च को किसान और केंद्र सरकार के बीच एक और बैठक होनी है। बता दें, 14 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी की अध्यक्षता में एक केंद्रीय टीम और किसान प्रतिनिधियों के बीच बैठक बुलाई गई थी। इसके बाद दोनों पक्षों ने दावा किया था कि था कि यह सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक हुई थी। 

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इन मुद्दों पर हो चुकी है बात

केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच फसलों पर कानूनी एमएसपी गारंटी, कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’ की मांग को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है।