
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। मां शीतला को मां दुर्गा का ही अवतार माना जाता है। मां का ये रूप काफी सरस और मोहक है। माना जाता है कि शीतला सप्तमी पर शीतला मां की विशेष पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलने के साथ और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इस वर्ष शीतला सप्तमी का पर्व 21 मार्च को मनाया गया। शीतला सप्तमी व्रत से घर में सुख, शांति बनी रहती है।
स्कंद पुराण के अनुसार, माता शीतला रोगों से बचाने वाली देवी हैं। माता शीतला अपने हाथों में कलश, सूप, झाड़ू और नीम के पत्ते धारण किए हुए रहती हैं और गधे की सवारी करती हैं। ऐसे में शीतला सप्तमी के दिन जातक व्रत रखने के साथ ही मां की आराधना करते हैं। इस दिन परिवार का कोई भी सदस्य गरम भोजन ग्रहण नहीं करते हैं।
क्या है मान्यता
इस व्रत को लेकर मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से घर-परिवार में चेचक रोग, दाह, पित्त ज्वर, दुर्गंधयुक्त फोड़े, आंखों की सभी बीमारियां आदि शीतलाजनित समस्याएं दूर हो जाती हैं। विशेष रूप से बुखार, चेचक, कुष्ठ रोग, दाह ज्वर, पीत ज्वर, दुर्गन्धयुक्त फोड़े तथा अन्य चर्मरोगों से आहत होने पर माँ की आराधना रोगमुक्त कर देती है। यही नहीं व्रती के कुल में भी यदि कोई इन रोगों से पीड़ित हो तो माँ शीतलाजनित ये रोग-दोष दूर हो जाते हैं।
तिथि कब से कब तक
सप्तमी तिथि आरंभ: 21 मार्च 2025, शुक्रवार सुबह 2 बजकर 45 मिनट पर
सप्तमी तिथि समापन: 22 मार्च 2025, शनिवार की सुबह 4 बजकर 23 मिनट पर
पूजन मुहूर्त: 21 मार्च की सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शाम 6 बजकर 33 मिनट तक
पूजा विधि
– सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर नित्यक्रिया आदि से निवृत्त होकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े धारण करें।
– इसके बाद पूजा की थाली में दही, रोटी, बाजरा, सप्त्मी को बने मीठे चावल, नमक पार और मठरी रखें।
– इसके अलावा दूसरी थाली में आटे से बना दीपक, रोली, वस्त्र, अक्षत, हल्दी, मोली, सिक्के और मेहंदी रखें। साथ ही लोटे में ठंडा पानी रखें।
– शीतला माता की पूजा करें और दीपक को बिना जलाए ही मंदिर में रखें।
– पूजा के दौरान मेहंदी और कलावा सहित सभी सामग्री माता को अर्पित करें।
– अंत में जल चढ़ाएं और थोड़ा जल बचाएं। इसे घर के सभी सदय आंखों पर लगाएं और थोड़ा जल घर के हर हिस्से में छिड़कें।
– अगर पूजन सामग्री बच जाए तो ब्राम्हण को दान करें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।