
Shahdol News: जिला अस्पताल में नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए संचालित एसएनसीयू व पीआईसीयू के संचालन के लिए स्वीकृत बजट में खरीदी के दौरान नियमों का पालन नहीं करने का मामला सामने आया है। एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) मध्यप्रदेश द्वारा चार मार्च 2024 को पत्र जारी कर शहडोल, अनूपपुर, सतना, रायसेन और नर्मदापुरम जिले में शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम में बजट के विरूद्ध व्यय अनियमितता की जांच के लिए टीम का गठन कर जांच रिपोर्ट मांगा गया।
जांच टीम द्वारा 13 व 15 मई को मध्यप्रदेश के पांच जिलों में जांच की गई। इन जिलों में शहडोल, अनूपपुर, सतना, नर्मदापुरम और रायसेन जिला शामिल हैं। जांच टीम ने पाया कि एसएनसीयू के लिए सामग्री खरीदी में व्यापक गड़बडिय़ां हुई है। दस्तावेज व लेखाजोखा संधारण में भी लापरवाही बरती गई है।
जांच टीम की अनुशंसा के बाद सभी जिलों के सिविल सर्जन (सीएस) को 7 नवंबर को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। इस संबंध में शहडोल जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. जीएस परिहार का कहना है यह सतत प्रक्रिया है। नोटिस का जवाब दे दिया गया है।
जांच टीम में ये अधिकारी रहे शामिल
एनएचएम भोपाल उपसंचालक शिकायत डॉ. शरद तिवारी, जनमन डॉ. राजेश सिसोदिया, शिशु स्वास्थ्य सलाहकार विकास कटारे व लेखा प्रबंधक मनोज राजपूत शामिल रहे।
अलग-अलग जिलों से ये प्रतिनिधि शामिल
अनूपपुर से डॉ. कमलेश कुमार, डॉ. संजय कुमार सिंह, नेहा सिहाने, आरआर पटेल, शहडोल से डॉ. कृष्णेंद्र, कृष्ण कुमार त्रिपाठी, सुभाष शुक्ला, नर्मदापुरम से डॉ. बी गुप्ता, अतुल दुबे, प्रशांत दुबे, डॉ. सुनील गौर, प्रतिभा लकरा, सतना से लखन लाल गुप्ता, कमलेंद्र सिंह, रायसेन से हरिनारायण अहिर, राहुल समर, डॉ. आलोक राय व डॉ. एलके गुर्जर शामिल रहे।
जांच टीम द्वारा बताई गई गड़बड़ी के कुछ अंश
शहडोल- जिला चिकित्सालय शहडोल में एसएनसीयू के लिए जो सामग्री खरीदी गई उसकी स्टोर के स्टॉक रजिस्टर में एंट्री ना करते हुए सीधे एसएनसीयू में भेजी जा रही है। अभिमत में कहा अभिलेख व दस्तावेजों का संधारण नियमानुसार नहीं किया गया जो कार्य के प्रति उदासीनता दर्शाता है।
अनूपपुर- एसएनसीयू समिति का गठन तो किया गया पर बैठक और कार्रवाई का विवरण ही उपलब्ध नहीं है। यानी बिना समिति की अनुशंसा के ही सामग्री खरीदी की गई। जनरेटर के डीजल के लिए 68 हजार 44 रूपए व्यय किया गया जबकि जनरेटर का उपयोग समीप में ही डायलिसिसि यूनिट के लिए भी होता है।
सतना- एएमसी मेंटेनेंस के लिए 2 लाख 48 हजार 457 रूपए व सफाई कार्य के लिए 2 लाख 27 हजार 357 रूपए व्यय किया गया। मेंटेनेंस कास्ट से बेबी ड्रेस की खरीदी की गई जो कि एसएनसीयू गाडलाइन के विपरीत है।
नर्मदापुरम- जांच के आधार पर यह प्रतीत होता है कि आवश्यकता से अधिक सामग्री का क्रय किया गया है। संबधित अधिकारी व कर्मचारियों से शिशु स्वास्थ्य शाखा के माध्यम से स्पष्टीकरण प्राप्त कर कार्रवाई किया जाना उचित होगा।
रायसेन- एसएनसीयू प्रभारी चिकित्सक की मांग पर 1080 सेनेटाइजर खरीदी का समिति की बैठक और कार्रवाई विवरण मांग पत्र में उल्लेख नहीं है। प्रभारी चिकित्सक द्वारा की गई मांग पत्र पर सिविल सर्जन के फारवर्ड हस्ताक्षर नहीं है। इसमें मेंटेनेंस मद से 2 लाख 14 हजार रूपए का भुगतान।