
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री से सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 9 हजार 500 से भी ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। प्रेसिडेंट ने इसके पीछे की वजह केंद्र सरकार पर बढ़ता कर्जा बताई है। सरकारी खर्चों को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। कहा जा रहा है कि आने वाले समय में अमेरिका में और भी सरकारी कर्मचारियों की छंटनी हो सकती है। आपको बता दें कि, सरकारी कर्मचारियों को काम से निकालने की सलाह ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट इफिशिएंसी’ ने दी है। ट्रंप ने ‘स्पेसएक्स’ के मालिक एलन मस्क को इस डिपार्टमेंट का चीफ बनाया है।
हजारों की संख्या में कार्मचारियों को क्यों निकाला?
प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि केंद्र सरकार को कर्जे का सामना करना पड़ रहा है। बीते साल 1.8 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। वहीं, बात करें कुल कर्जे की तो यह 36 ट्रिलियन डॉलर है। ट्रंप का मानना है कि कई विभाग ऐसे हैं जहां केंद्रीय कर्मचारी काफी ज्यादा संख्या में मौजूद हैं जिनको कम करना बेहद जरूरी है। यही वजह है कि सरकारी खर्च को कम करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है।
किन-किन विभागों से निकाले गए कर्मचारी?
जानकारी के मुताबिक, जिन विभागों से सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है उनमें एनर्जी, इंटीरियर, एग्रीकल्चर, हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस शामिल हैं। इसी के साथ कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों को भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इसके अलावा स्वतंत्र मिगरानी संस्थान ‘उपभोक्ता वित्तीय सुरक्षा ब्यूरो’ सहित कुछ अन्य एजेंसियों पर ताला लगा दिया गया है।
सरकारी कर्मचारियों को नोटिस
आपको बता दें कि, ट्रंप की सरकार ने 20,00,000 से भी अधिक सरकारी कर्मचारियों को नोटिस भेजा था जिसमें उन्होंने सभी को इस्तीफा देने के लिए कहा था। हालांकि, इसके बदले में उन्हें आठ महीने की सैलरी भी देने का वादा किया गया है। इसके अलावा जो लोग इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते हैं उनकी भी नौकरी की कोई गारंटी नहीं है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, यह ऑफर 75,000 से भी अधिक सरकारी कर्मचारियों ने एक्सेप्ट कर लिया है। अमेरिका में 23 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी है। यानि ऑफर स्वीकार करने वालों की संख्या अमेरिका के पूरे सरकारी कर्मचारियों का लगभग 3 परसेंट हिस्सा है।