
Mumbai News. चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचपीएमवी) का संक्रमण तेजी से फैलरहा है। हालांकि राहत की बात यह है कि महाराष्ट्र में फिलहाल एचपीएमवी का एक भी मामला नहीं मिला है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में श्वसन संक्रमण के आंकड़ों का विश्लेषणकिया है। जिसमें वर्ष 2023 की तुलना में दिसंबर 2024तक कोई बढ़ोतरी नहीं मिली है। इस रोग को लेकर सावधानी के तहत स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से श्वसन संक्रमण को रोकने के लिए क्या करें और क्या न करें (दिशा-निर्देश) का पालन करने का आग्रह किया है।
स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि एचपीएमवी गंभीर श्वसन संक्रमण से संबंधित रोग है। इसकी पहचान 2001 में नीदरलैंड के विशेषज्ञों द्वारा की गई थी। यह एक मौसमी बीमारी है जो आमतौर पर फ्लू की तरह सर्दियों और शुरुआती बसंत में होती है। सैफी अस्पताल की बाल श्वसन संक्रमण विशेषज्ञ डॉ. जहाबिया एम. बगवाला ने बताया कि एचपीएमवी मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों को प्रभावित करता है। 5 साल से ऊपर के 90 फीसदी लोगों में एचपीएमवी संक्रमण के प्रमाण मिलते हैं। जबकि 3 महीने से कम उम्र के 90 फीसदी बच्चों में एचपीएमवी एंटीबॉडीज मौजूद होती हैं। संक्रमण सामान्य फ्लू जैसा हो सकता है और गंभीर रूप ले सकता है। जिसमें तेज सांस लेना, ऑक्सीजन की कमी या अस्थमा बढ़ सकता है। इसका उपचार केवल सहायक उपायों तक सीमित है क्योंकि फिलहाल इसकी कोई एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है।
बचाव के लिए क्या करें
- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें
- अपने हाथों को बार-बार साबुनपानी या सैनिटाइजर से साफ करें
- बुखार, खांसी और छींक आ रही हो तो सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें
- खूब पानी पिएं और पौष्टिक आहार लें
- बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें
यह न करें
- बार-बार दूसरे लोगों से हाथ न मिलाएं
- टिशू पेपर और नैपकिन का पुन: प्रयोग न करें
- बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें
- आंख, नाक और मुंह को बार-बार न छुएं
- सार्वजनिक स्थान पर न थूकें
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें