उच्च शिक्षा की नई उड़ान, भरत सिंह परमार के अथक प्रयासों की कहानी

Panna News: शिक्षा समाज का आधार स्तंभ होती है और जब यह आधार मजबूत हो तो समाज उन्नति की ओर अग्रसर होता है। इसी सोच के साथ शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पवई के सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी भरत सिंह परमार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव की नींव रखी। उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप आज अमानगंज में उच्च शिक्षा का सपना साकार हो चुका है। श्री परमार ने बताया वर्ष 1989 का समय बेहद चुनौतीपूर्ण था। अमानगंज और आसपास के क्षेत्रों में विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा का कोई साधन नहीं था। केवल पन्ना में स्नातकोत्तर महाविद्यालय था जहां सम्पन्न परिवारों के बच्चे ही पहुंच पाते थे। मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा एक दूर का सपना बनकर रह जाती थी। इस स्थिति को बदलने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल बोरा ने अमानगंज, देवेंद्रनगर और पवई में स्नातक महाविद्यालय की नींव रखी। शुरुआती दौर में अमानगंज के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में मात्र 29 छात्रों के साथ स्नातक कक्षाएं संचालित हुईं लेकिन इस छोटी शुरुआत ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला दिया।

महाविद्यालय की प्रगति

वर्ष 2003 में महाविद्यालय को अपनी निजी बिल्डिंग मिली और 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री की अनुमति से विज्ञान समूह बीएससी की कक्षाएं भी शुरू हुईं। इसका परिणाम यह हुआ कि अमानगंज के लगभग 40 गांवों के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का रास्ता खुल गया। आज इस महाविद्यालय में करीब 1200 छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। पन्ना जैसे पिछड़े जिले के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। शिक्षा के इस परिवर्तन में श्री परमार के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनकी मेहनत और समर्पण ने विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।

छात्रों और नागरिकों की कृतज्ञता

स्थानीय नागरिकों और छात्रों का कहना है कि भरत सिंह परमार का यह भागीरथी प्रयास हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। अमानगंज के निवासी रामेश्वर सिंह ने कहा यदि श्री परमार ने यह प्रयास न किया होता तो आज हम उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते। उनकी मेहनत के लिए हम उनके आभारी हैं। शिक्षा के इस महायज्ञ में श्री परमार का योगदान आने वाली पीढियों के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा। शिक्षा के प्रति उनका यह समर्पण क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित हो चुका है।