इजरायल के बाद गाजा में हो रहा लोगों का ठंड से हाल बेहाल, बिना गर्म कपड़ों और कंबलों के रात-दिन गुजारने पर मजबूर हुए लोग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गाजा में सर्दियों का मौसम आ गया है। वहीं पिछले साल से चल रहे इजरायल के साथ युद्ध की वजह से विस्थापित हुए कई सारे लोग अपने आपको ठंड और बारिश से बचाने के लिए स्ट्रगल करते हुए नजर आ रहे हैं। गाजा में मदद करने वाले लोगों और स्थानीय निवासियों के मुताबिक, लोगों के पास कंबल, गर्म कपड़ों के अलावा और भी कई सारी जरूरी चीजों की कमी है। साथ ही जिन तंबुओं में रह रहे थे, उनका हाल भी बेहाल होता जा रहा है। 

दक्षिणी शहर रफह से विस्थापित हुई एक महिला अपने 8 बच्चों के साथ एक खराब तंबू में एक कंबल और एक बोतल गर्म पानी के सहारे ही रह रही है। उनसे बात होने पर उन्होंने बताया, कि जब भी हमें पता चलता है कि  तेज हवा या बारिश का पूर्वानुमान पता चलते हैं, तो डर लगने लगता है। क्योंकि हमारे तंबू कमजोर होते हैं और हवा की वजह से उड़ जाते हैं। इस क्षेत्र में रात के समय तापमान 5 से 10 डिग्री के बीच तक दर्ज किया जाता है। जिससे बच्चों को ठंड भी लगती रहती है। 

बच्चों के क्या हैं हाल?

उस महिला ने आगे बताया कि, जब वो अपना घर छोड़कर आई थीं, तो उनके बच्चों के पास सिर्फ गर्मी में पहनने वाले कपड़े थे। ठंड के लिए उन्होंने अपने रिश्तेदारों से गर्म कपड़े उधार लिए थे। इसके अलावा बच्चों के हाल काफी बेहाल हैं। किसी के पास खाने के लिए नहीं है तो, किसी के पास पहनने के लिए कपड़े नहीं है। रात को ठंड इतनी हो जाती है कि लोग अपने बच्चों को गोद में लेकर सोते हैं ताकि उनको ठंड ना लगे। 

चूहों का भी रहता है लगातार डर

उस महिला ने कहा है कि, तंबू के फटे होने के चलते उसमें रात को चूहे भी आ जाते हैं। केवल एक कंबल के चलते गर्मी भी भरपूर नहीं मिल पाती है। जमीन तो इतनी ठंडी लगती है जैसे कि बर्फ गिर रही हो। आगे उन्होंने कहा है कि, मुझे लगातार डर लगता है कि कहीं मैं सोकर उठूं और कोई बच्चा मरा पड़ा मिले। 

यूएन की तरफ से दी गई चेतावनी

गाजा में इस सिचुएशन पर यूएन यानी संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अस्थायी आश्रयों में रह रहे लोग शायद सर्दियों में जिंदा नहीं रह पाएंगे। यूएन ने कहा था कि, गाजा में कम से कम 945 हजार लोगों को सर्दी से जुड़े सामान की भी काफी ज्यादा जरूरत है।