आधे अस्पतालों ने दिया एफिडेविट बाकी को मिलेगा रिमाइंडर नोटिस

Jabalpur News: निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों की योग्यता सुनश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों काे एफिडेविट देने के निर्देश दिए थे। एफिडेविट जमा करने के लिए 21 अप्रैल की मियाद दी गई थी। मियाद पूरी होने के बाद करीब आधे अस्पतालों ने ही शपथ-पत्र स्वास्थ्य विभाग के सामने पेश किया है, वहीं आधे अस्पताल अब तक अपने चिकित्सकों की योग्यता प्रमाणित नहीं कर सके हैं।

जानकारी के अनुसार करीब 80 अस्पतालों द्वारा ही एफिडेविट जमा किया गया है, जबकि 153 अस्पतालों को पत्र जारी किया गया था। इधर जिन अस्पतालों ने अब तक एफिडेविट नहीं दिया है, उन्हें रिमाइंडर नोटिस देने की तैयारी है। दरअसल दमोह में फर्जी डॉक्टर के सामने आने के बाद से ही जिले का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर है।

विभाग ने कार्यरत सभी चिकित्सा अधिकारी और कर्मचारी, जोकि मरीजों की देखभाल और उपचार में प्रत्यक्ष रूप से संलग्न हैं, उनकी योग्यता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों को अपने चिकित्सा अधिकारियों की योग्यता एवं पंजीकरण की जांच कर एफिडेविट देना है कि उनके डॉक्टर योग्य हैं।

कोई भी जानकारी गलत, तो पंजीयन निरस्त

पत्र के अनुसार अस्पताल में किस पैथी (एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद आदि) से उपचार दिया जा रहा है, यह 100 रुपए के स्टांप पेपर पर स्पष्ट रूप से लिखकर देना है। अस्पतालों को यह भी सुनिश्चित करना है कि उनके यहां केवल उसी चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक कार्यरत हों, जिसके लिए वे प्रशिक्षित एवं पंजीकृत हैं। मांगे गए दस्तावेज कार्यालय में जमा करने के साथ ऑनलाइन भी भेजने होंगे। कोई भी जानकारी गलत होने पर पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

रिमाइंडर नोटिस के बाद कार्रवाई

नोडल अधिकारी डॉ. आदर्श विश्नोई ने बताया कि सभी अस्पताल संचालकों को यह भी सुनिश्चित करने कहा गया है कि अन्य प्रदेशों से आए चिकित्सकों की सेवाएं तभी ली जाएं जब वे मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत हों। अब तक करीब 80 निजी अस्पतालों ने शपथ-पत्र जमा किया है, जिन्होंने नहीं किया है, उन्हें रिमाइंडर नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद भी शपथ-पत्र नहीं देने पर अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी।