
Delhi News इक्विटी बाजारों में सुधार के दौर के साथ कई निवेशक भ्रमित हैं। इस बात के कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं कि यह अस्थिरता कब तक रहेगी। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि इसलिए म्युचुअल फंड निवेशक सतर्कतापूर्ण तरीके से प्रतिक्रिया दे रहे हैं और झुंड वाली मानसिकता का अनुसरण कर रहे हैं।
फरवरी के आंकड़ों से पता चलता है कि म्युचुअल फंड से निवेशकों ने 9.87 लाख करोड़ रुपये मूल्य के फंड भुना लिया है। साथ ही, जुटाए गए कुल फंड में भी गिरावट आई है और यह 10.27 लाख करोड़ रुपये रह गया, जो जनवरी में 12.17 लाख करोड़ रुपये था। साफ है कि निवेशक अस्थिर समय में सुरक्षित माने जाने वाले विवेकपूर्ण निवेश विकल्पों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
हाइब्रिड फंड ने जुटाए 28,461 करोड़ : आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी में हाइब्रिड फंड की श्रेणी ने 28,461 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि निकासी में कमी आई जो इस साल जनवरी में 26,202 करोड़ रुपये से घटकर फरवरी में 21,657 करोड़ रुपये रह गई। डेटा से पता चलता है कि निवेशक अत्यधिक अस्थिर बाजार के बीच हाइब्रिड फंड में अपने निवेश को बनाए रख रहे हैं।
हाइब्रिड फंड में जोखिम कम : हाइब्रिड फंड में विश्वास का कारण फंड की प्रकृति ही है। उतार-चढ़ाव भरे बाजार हालात में निवेशकों के लिए हाइब्रिड फंड सबसे सुरक्षित दांव माने जाते हैं। चूंकि ये फंड इक्विटी, डेट और कमोडिटीज का मिला जुला पोर्टफोलियो होता है, इसलिए जोखिम कम हो जाता है और निवेशक बाजार में गिरावट के बावजूद संभावित रूप से अच्छे रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट जैसे फंड, जो इक्विटी, डेट और कमोडिटीज में एक निश्चित राशि केअलोकेशन का पालन करते हैं, इसलिए वर्तमान बाजार के माहौल में निवेश के लिए ये एक अच्छे विकल्प हो सकते हैं, क्योंकि ये फंड सोने में भी निवेश करते हैं, जो पिछले कुछ समय से नई ऊंचाई छू रहा है।
रिटर्न के मामले में है सबसे आगे : निप्पॉन इंडिया के अलावा, सैमको, एडलवाइस, इनवेस्को और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के हाइब्रिड फंड भी गिरते बाजार में सकारात्मक रिटर्न दे रहे हैं। वास्तव में, निवेशकों को रिटर्न के मामले में हाइब्रिड फंड सबसे आगे हैं। अगर आप एक साल के रिटर्न को देखें, तो हाइब्रिड फंड लगभग दोहरे अंकों के रिटर्न के साथ सबसे आगे हैं।