अमरावती के किसानों पर फिर आई आफत, चना को चट कर रहा फंगस

Amrawati News    रबी की फसल को फंगस ने चपेट में ले लिया है। जिससे फसल सूख रही है। जिले के तिवसा तहसील में पोचारियम नामक फंगस रोग का प्रकोप अधिक है। जिससे रबी की प्रमुख फसल चना संकट में है। इस वर्ष हुई अधिक बारिश के कारण जमीन में नमी कायम है।

ऐसे में सोयाबीन निकलते ही चना बुआई करनेवाले किसानों की फसल अभी मर रोग के चपेट में है। अधिक प्रकोप वाले खेतों की चना फसल फंगस ने चट कर ली है। सोयाबीन निकलने के बाद खेतों की व्यवस्थित सफाई, बुआई पूर्व मॉनिटरिंग नहीं करने से ही सोयाबीन फसल की फंगस नमी के साथ जमीन में कायम रहती है। इस रोग का कोई विशिष्ट इलाज तक नहीं है।

किसानों थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ कर पूरी फसल पर फंगस से चढ़े मर रोग से बर्बाद होने खतरा बढ़ जाता है। पोचारियम नामक इस फंगस और मर रोग का जैविक फंगस से रोक संभव है। ट्रायकोटर्मा नामक दवाई के छिड़काव से फसल को मरने से बचाया जा सकता है। ऐसा कृषि विशेषज्ञ पुरुषोत्तम कडु ने बताया।

ठंड रबी के लिए पोषक रबी फसलों के लिए ठंड पोषक है। ठंड के समय पर चना, गेंहू की फसल को फूल लगे तो फसल के बढ़ने और दाने भरने में तेजी आती है। इस वर्ष ठंड भी अच्छी है, और जमीन में पर्याप्त नमि भी है। जिससे इस वर्ष रबी फसलों का रकबा बढ़ना तय है। जिले में चना, मका, गेंहू यह प्रमुख रबी फसल है। कुल 1 लाख 48 हजार 879 हेक्टेयर में रबी की बुआई होगी। जिसमें से 82 हजार 233 हेक्टेयर मतलब 55 प्रतिशत से अधिक बुआई पूर्ण हुई है। ऐसा जिला कृषि विभाग का कहना है।