अब नहीं पड़ेगी आधार कार्ड या कॉपी की जरुरत, सिर्फ एक QR से होगा आधार का सारा काम

Bhaskar Jabalpur
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने चेहरे की पहचान करके प्रमाणीकरण और डिजिटल सत्यापन क्षमताओं वाला एक नया आधार ऐप लॉन्च किया है, जिससे भौतिक कार्ड और फोटोकॉपी की आवश्यकता समाप्त हो गई है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आधार संवाद के तीसरे संस्करण के दौरान ऐप पेश किया।

अभी बीटा परीक्षण में चल रहा यह ऐप उपयोगकर्ताओं को उनकी स्पष्ट सहमति से सुरक्षित डिजिटल माध्यमों से केवल आवश्यक डेटा साझा करने की अनुमति देता है। वैष्णव ने ट्विटर पर साझा की गई एक पोस्ट में कहा, “अब केवल एक टैप से, उपयोगकर्ता केवल आवश्यक डेटा साझा कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी पर पूरा नियंत्रण मिल जाता है।”

नए ऐप के माध्यम से सत्यापन UPI ​​भुगतानों के समान ही काम करता है, जहाँ उपयोगकर्ता होटल, दुकानों, हवाई अड्डों और अन्य सत्यापन बिंदुओं पर QR कोड स्कैन करके अपनी पहचान प्रमाणित कर सकते हैं।

चेहरे की पहचान की सुविधा एक अतिरिक्त सुरक्षा परत जोड़ती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि केवल सही स्वामी ही सूचना हस्तांतरण को अधिकृत कर सकता है।

रोजमर्रा के परिदृश्यों के लिए ऐप की सुविधा पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा, “होटल रिसेप्शन, दुकानों या यात्रा के दौरान आधार की फोटोकॉपी सौंपने की कोई आवश्यकता नहीं है।” ऐप की विशेषताओं में 100% डिजिटल और सुरक्षित पहचान सत्यापन, डेटा के दुरुपयोग या लीक से सुरक्षा और दस्तावेज़ जालसाजी की रोकथाम शामिल है। यह ऐप अपने पिछले संस्करण से एक महत्वपूर्ण अपग्रेड है, जिसमें अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफ़ेस और बेहतर गोपनीयता सुरक्षा उपाय हैं।

शुरुआत में आधार संवाद कार्यक्रम के प्रतिभागियों सहित चुनिंदा समूह के लिए उपलब्ध, यूआईडीएआई ने उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया के बाद ऐप को व्यापक रूप से जारी करने की योजना बनाई है। यह तकनीक भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के साथ एकीकृत होती है, जबकि मजबूत गोपनीयता सुरक्षा बनाए रखती है।

यूआईडीएआई अधिकारियों के अनुसार, आधार फेशियल ऑथेंटिकेशन सिस्टम को पहले ही व्यापक रूप से अपनाया जा चुका है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में हर महीने 15 करोड़ से अधिक लेनदेन दर्ज किए गए हैं।