
Nagpur News : जंगल घूमने वालों के लिए एक नया रोमांच पेंच व्याघ्र प्रकल्प में बोट सफारी के नाम पर शुरू किया जाना है। अधिकारियों के अनुसार, नए साल में इसका शुभारंभ हो जाएगा। अगले महीने पहली बोट पहुंचने वाली है। दक्षिण भारत से दो बोट मंगाई गई है। बारिश के कारण पेंच में बोट नहीं पहुंच सकी थी।
सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है पेंच प्रकल्प
नागपुर का पेंच व्याघ्र प्रकल्प पूरे देश के लिए आकर्षण का केन्द्र है। 789 वर्ग किमी में फैले इस जंगल के दायरे में 50 बाघ व इससे ज्यादा तेंदुए हैं। अन्य वन्यजीवों में हिरण, नीलगाय, बारहसिंगा, लोमड़ी, मगरमच्छ आदि हैं। हर साल लाखों की संख्या में यहां पर्यटक आते हैं। इसमें विदेशी भी शामिल होते हैं। गत साल एक लाख से ज्यादा पर्यटकों ने यहां सिल्लारी, कोलितमारा, खुबाडा, पवनी, खुर्सापार आदि गेट पर दस्तक दी। जिप्सी में बैठकर हरियाली से सराबोर इस जंगल में वन्यजीवों का दीदार करना एक अच्छा अनुभव है।
आसानी से दिखेंगे वन्यजीव
इसे और रोचक बनाने के लिए अब पेंच प्रशासन पानी में सफारी कराने के दिशा में काम कर रहा है। वर्तमान में जंगल सफारी के दौरान कई बार पर्यटकों को मायूस होना पड़ता है, क्योंकि बाघों के दर्शन बहुत कम होते हैं। जंगल के बढ़ी घास के पीछे छिपे बाघ आसानी से नजर नहीं आते हैं, लेकिन अक्सर पानी पीने के लिए बाघ झील की ओर आते हैं। इसलिए बोट सफारी से विभिन्न वन्यजीवों को आसानी से देखा जा सकेगा। यही नहीं पेंच में 50 के करीब मगरमच्छों ने भी उपस्थिति दिखाई है। बोट सफारी में मगरमच्छों का दीदार भी होना अलग अनुभव रहने वाला है।